कांगड़ा घाटी रेलवे
कांगड़ा घाटी रेलवे उप-हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। यह ट्रेन पठानकोट और जोगिंदर नगर के बीच 163 किलोमीटर (101 मील) की दूरी तय करती है, जो प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन हिंदू तीर्थों के लिए जाना जाता है। इस ट्रैक पर सबसे ऊंचा स्टेशन अहाजू स्टेशन है, जिसकी ऊंचाई 1,291 मीटर (4,236 फीट) है और जोगिन्दर नगर में टर्मिनस 1,189 मीटर (3,901 फीट) है।
कांगड़ा घाटी रेल खंड के कुछ शानदार दर्शनीय स्थल:
ज्वाला देवी मंदिर
ज्वालामुखी रोड स्टेशन से 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से मंदिर के लिए सुबह 5 बजे रात्रि 8 बजे तक बसें उपलब्ध रहती हैं।
चिंतपूर्णी देवी मंदिर
ज्वालामुखी रोड स्टेशन से 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां भी ज्वालामुखी रोड रेलवे स्टेशन से बस द्वारा जाया जा सकता है।
धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश)
कांगड़ा या कांगड़ा मंदिर रेलवे स्टेशन से तकरीबन17 किलोमीटर की दूरी पर है। नगरोटा रेलवे स्टेशन से भी उतर कर कांगड़ा जाया जा सकता है।
मैक्लोडगंज
कांगड़ा स्टेशन से 27 किलोमीटर है जो बौद्ध धर्म के लोगों को आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां जाने के लिए आप चामुंडा मार्ग रेलवे स्टेशन भी उतर सकते हैं।
बृजेश्वरी देवी मंदिर
यह मंदिर इस क्षेत्र का सबसे लोकप्रिय मंदिर है। कहा जाता है पहले यह मंदिर बहुत समृद्ध था।, इस मंदिर को बहुत बार विदेशी लुटेरों द्वारा लूटा गया। महमूद गजनवी ने 1009 ई॰ में इस शहर को लूटा और मंदिर को नष्ट कर दिया था। यह मंदिर 1905 ई॰ में विनाशकारी भूकम्प से पूरी तरह नष्ट हो गया था। सन् 1920 में इसे दोबारा बनवाया गया।
ट्रेन किराया:
रु. 35/- जनरल
कैसे जाएं:
हवाईमार्ग
काँगड़ा से 7 कि॰मी॰ की दूरी पर हवाईअड्डा है जो सीधी दिल्ली से जुड़ा हुआ है।
रेलमार्ग
पठानकोट काँगड़ा का निकटतम ब्रोड गेज रेल मुख्यालय है। पठानकोट काँगड़ा से लगभग 90 कि॰मी॰ की दूरी पर है। मुकरियन 30 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित निकटतम रेलवे स्टेशन है।
सड़कमार्ग
काँगड़ा बेहतर सड़क मार्ग से धर्मशाला से जुड़ा है जो 18 किमी दूर स्थित है। धर्मशाला हिमाचल और निकटवर्ती शहरों से जुड़ा हुआ है।