भारत की खूबसूरत ट्रेन यात्राएँ

2018-02-02 16:17भारत की खूबसूरत ट्रेन यात्राएँ
भारत की खूबसूरत ट्रेन यात्राएँ

अगर आपको ट्रेन में सफ़र करना पसंद है तो आप बिलकुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं हम आपको दिखा रहे हैं दुनिया के बेहतरीन ट्रेन रूट जहाँ हर कोई जीवन में कम से कम एक बार तो जरुर सफ़र करना पसंद करेगा। अगर आप रेल फैन हैं तो ये पोस्ट आपको जरुर पसंद आएगी।

मडगांव-बेलगाम

मडगांव-बेलगाम रेल मार्ग पर मडगांव से 46 किमी पूर्व में और बेलगाम से 80 किमी दक्षिण मडगांव-बेलगाम में स्थित है। दूधसागर जलप्रपात भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक हैं इसकी ऊंचाई 310 मीटर (1017 फुट) और औसत चौड़ाई 30 मीटर (100 फुट) के बीच है। यह दृश्य देखने में बहुत ही मनोरम लगता है।

दूधसागर यह वॉटरफॉल पश्चिमी घाट के प्रपात भगवान महावीर अभयारण्य और मोल्लेम नेशनल पार्क के बीच स्थित है। चारों ओर जंगलों से घिरा हुआ यह जलप्रपात एक समृद्ध जैव विविधता से भरा हुआ है जो देखते ही मन को मोह लेता है। मानसून में जल की अधिकता के कारण और मनोरम लगता है

इस झरने तक पहुँचने का सबसे निकटम रेलवे स्टेशन कैसल रॉक स्टेशन हैं। जहा पर सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है।

मुंबई - लोनावला

लोनावला की ट्रेन यात्रा बहुत ही भव्य और मनोरम है। महाराष्ट्र का खूबसूरत हिल स्टेशन जो अपनी खूबसूरती और आकर्षण के कारण विश्व भर में मशहूर हैं "लोनावला"। जो मुंबई से महज 128 किलोमीटर दूर है लोनावाला महाराष्ट्र राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में एक लोकप्रिय पहाड़ी क्षेत्र है। शांत जलवायु, शांत वातावरण और अचल हवा लोनावाला को छुट्टी बिताने के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। 

कब जाएँ

यहाँ कभी भी आया-जाया जा सकता है। लोनावला का मौसम पर्यटकों के अनुकूल होता है। खंडाला में साल भर मौसम सुखदायक होता है जिसके कारण यह वर्ष में कभी भी उपलब्ध होता है। हालांकि उत्तम समय अक्टूबर और मई के बीच का समय है। इस समय मौसम अपने चरम पर होता है और लोनावला को महाराष्ट्र का सबसे अधिक प्रसिद्द गंतव्य बनाता है।

कामाख्या देवी मंदिरः

कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर कामाख्या मे स्थित है। और कामाख्या से 10 किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना है व इसका तांत्रिक महत्व भी है। प्राचीन काल से सतयुगीन तीर्थ कामाख्या वर्तमान में तंत्र सिद्धि का सर्वोच्च स्थल है। यह कामाख्या रेलवे स्टेशन कुछ ही दूरी पर स्थित है।

सती स्वरूपिणी आद्यशक्ति महाभैरवी कामाख्या तीर्थ विश्व का सर्वोच्च कौमारी तीर्थ भी माना जाता है। इसीलिए इस शक्तिपीठ में कौमारी-पूजा अनुष्ठान का भी अत्यन्त महत्व है। यद्यपि आद्य-शक्ति की प्रतीक सभी कुल व वर्ण की कौमारियाँ होती हैं। किसी जाति का भेद नहीं होता है। इस क्षेत्र में आद्य-शक्ति कामाख्या कौमारी रूप में सदा विराजमान हैं।

इस क्षेत्र में सभी वर्ण व जातियों की कौमारियां वंदनीय हैं, पूजनीय हैं। वर्ण-जाति का भेद करने पर साधक की सिद्धियां नष्ट हो जाती हैं। शास्त्रों में वर्णित है कि ऐसा करने पर इंद्र तुल्य शक्तिशाली देव को भी अपने पद से वंछित होना पड़ा था।