भारतीय रेल वर्तमान में डीजल और इलेक्ट्रिक इंजनों का इस्तेमाल करता है। भारतीय रेलवे पहले भाप इंजनों का भी इस्तेमाल करता था लेकिन अब भाप इंजनों का इस्तेमाल सिर्फ हेरिटेज ट्रेनों के लिए ही किया जाता है। आपके मन में ये बात तो जरुर आती होगी कि आखिर ये रेल के इंजन बनते कहाँ हैं, ये शायद ही आप जानते होंगे। इसलिए आज हम आपको इंजन बनाने वाली फैक्ट्री के बारे में बता रहे हैं।
1. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचइएल या भेल) भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग व विनिर्माण क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी ने भारतीय रेलवे को हजारों इलेक्ट्रिक इंजनों, डीई लोकोमोटिव्स, इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट, ट्रैक रखरखाव मशीनों की आपूर्ति की है। बीएचईएल (भेल) ने ही WAG7 विद्युत लोको का निर्माण किया है।
2. चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स, चित्तरंजन
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स भारत में स्थित एक राज्य के स्वामित्व वाली इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव निर्माता फैक्ट्री है। यह आसनसोल के चित्तरंजन में स्थित है। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकोमोटिव निर्माता कंपनियों में से एक है। इस कंपनी ने WAP-7, WAP-5, WAG-9, WAG-7, WAP-4 जैसे पावरफुल इंजनों का निर्माण किया है।
3. डीजल रेल इंजन कारखाना, वाराणसी
भारत के वाराणसी में स्थापित डीजल रेल इंजन का कारखाना है जो भारतीय रेलवे को डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन और इसके स्पेयर पार्ट्स का निर्माण करता है। यह भारत में सबसे बड़ा डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव निर्माता है। फिलहाल डीएलडब्ल्यू EMD GT46MAC और EMD GT46PAC लोकोमोटिव्स का निर्माण कर रहा है जो भारतीय रेलवे के लिए इलेक्ट्रो-मल्टीिव डीजल (पूर्व जीएम-ईएमडी) से लाइसेंस के तहत है। इसके कुछ ईएमडी लोकोमोटिव उत्पादों में डब्ल्यूडीपी4, डब्ल्यूडीपी4डी, डब्ल्यूडीजी4डी, डब्लूडीजी5 जैसे लोकोमोटिव शामिल हैं।
4. डीजल लोको आधुनिकीकरण निर्माण, पटियाला
डीजल-लोको आधुनिकीकरण वर्क्स भारत में पंजाब राज्य के पटियाला में स्थित है। पहले इसे डीजल कंपोनेंट वर्क्स के नाम से जाना जाता था। 1981 में भारतीय रेल के डीजल इंजनों के सेवा जीवन का विस्तार करने और उनकी उपलब्धता के स्तर में वृद्धि करने के लिए इसे स्थापित किया गया था।
5. गोल्डन रॉक रेलवे वर्कशॉप, तिरुचिरापल्ली
गोल्डन रॉक रेलवे वर्कशॉप भरते में तमिलनाडु राज्य के तिरुचिरापल्ली में स्थित है। यह भारतीय रेलवे के दक्षिणी क्षेत्र में सेवा करने वाली तीन मैकेनिकल रेलवे वर्कशॉप में से एक है। यह रिपेयरिंग वर्कशॉप मूल रूप से एक "मैकेनिकल कार्यशाला" है जो भारतीय रेल के मैकेनिकल विभाग के नियंत्रण में आता है।
6. रेल इंजन कारखाना, मधेपुरा
इस फैक्ट्री की स्थापना के लिए 26 जनवरी 2016 को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ने कान्ट्रैक्ट साइन किया था। 4 अक्टूबर 1016 को फैक्ट्री निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। रेल विद्युत इंजन निर्माण में अग्रणी फ्रांस की अलस्टॉम कंपनी को रेल विद्युत इंजन निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
7. रेल व्हील फैक्टरी, बैंगलोर
रेल व्हील फैक्टरी भारत में कर्नाटक राज्य के बैंगलोर में स्थित है। रेल व्हील फैक्ट्री भारतीय रेलवे की एक फैक्ट्री है, जिसमें रेल की पहिये, रेलवे के वैगनों का निर्माण होता है। 1984 में भारतीय रेलवे के लिए पहियों और धुरों का निर्माण करने के लिए इसे शुरू किया गया था।
भारत के रेल कोच कारखाने
1. रेल कोच कारखाना, कपूरथला
रेल कोच कारखाना, कपूरथला की स्थापना सन् 1986 में हुई थी। यह भारतीय रेल का दूसरा रेल कोच कारखाना है। अब तक यहाँ 51 प्रकार के कुल लगभग 16000 यात्री डिब्बों का निर्माण किया जा चुका है। रेल कोच फैक्ट्री ने वर्ष 2013-14 में रिकार्ड 1701 कोचों का निर्माण किया था जबकि यह प्रति वर्ष 1500 कोचों का निर्माण करती है। रेल कोच फैक्ट्री ने राजधानी, शताब्दी, डबल डेकर और अन्य ट्रेनों जैसे उच्च गति वाले ट्रेनों के लिए डिब्बों के 23 विभिन्न प्रकारों का उत्पादन किया है।
2. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई
इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) भारत में तमिलनाडु राज्य के चेन्नई में स्थित है। आईसीएफ 170 से अधिक तरह के कोचों का निर्माण कर चुका है, जिनमें प्रथम और द्वितीय श्रेणी के कोच, पेंट्री और रसोई कार, सामान और ब्रेक वैन, स्व-चालित कोच, इलेक्ट्रिक (ईएमयू), डीजल (डीएमयू) और मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (एमईएमयू), मेट्रो कोच और डीजल इलेक्ट्रिक टावर कारों, दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन (एआरएमवी), निरीक्षण कार (आरए), ईंधन परीक्षण कार, ट्रैक रिकॉर्डिंग कारों और लक्जरी कोच शामिल हैं। इसके शुरू होने के बाद आईसीएफ द्वारा 18 अगस्त 2015 तक कुल 50,000 डिब्बों का उत्पादन किया गया था।
3. मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली
मॉडर्न कोच फैक्टरी, उत्तर प्रदेश के रायबरेली के पास लालगंज में भारतीय रेल की एक रेल कोच निर्माण इकाई है। भारत में यह तीसरी फैक्ट्री है जो रेल डिब्बों का उत्पादन करती है। यह फैक्ट्री एक साल में लगभग 1000 एलएचबी कोचों का निर्माण करती है।