भारत के भुतहा रेलवे स्टेशन, जहां जाने से लोग डरते हैं

2018-02-02 12:59भारत के भुतहा रेलवे स्टेशन, जहां जाने से लोग डरते हैं
भारत के भुतहा रेलवे स्टेशन, जहां जाने से लोग डरते हैं

दुनिया में शायद ही ऐसी कोई जगह हो जहां भूतों होने की चर्चाएं न होती हैं। अस्पताल, स्कूल, थाने से लेकर होटल तक भुतहा बताए जाते हैं लेकिन आज हम ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो शायद ही पहले कभी आपने सुनी हो। रेलवे स्टेशन भी भुतहा माने जाते हैं। आज हम आपको भारत के भुतहा रेलवे स्टेशन के बारे में बता रहे हैं।

1. बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन, पश्चिम बंगाल

ये रेलवे स्टेशन करीब 42 साल से बंद है। 1967 से ही इसे बंद कर दिया गया था। यहां पर सफेद साड़ी पहने महिला घूमती नजर आती थी। उसकी मौत हो गई थी। बार बार उस महिला को घूमते हुए लोगों ने देखा है।

2. रबिन्द्र सरोबर मेट्रो स्टेशन, कोलकाता

कहा जाता है कि दिन की आखिरी ट्रेन के यहाँ आत्महत्या करने वाले लोगों की छाया दिखती है और उनकी चीखें सुनाई देती हैं। कोलकाता मेट्रों का काफी व्यस्त स्टेशन है।

3. बड़ोग रेलवे सुरंग, शिमला

इसे भी हांटेड कहा जाता है। बताया जाता है कि ब्रिटेन के इंजीनियर ने यहां आत्महत्या कर ली थी। इस इंजीनियर का नाम था जनरल बड़ोग। कहा जाता है कि अब भी उनके कराहने की आवाज यहां सुनाई देती है।

4. नैनी रेलवे स्टेशन, उत्तर प्रदेश

इस रेलवे स्टेशन पर भी आत्मा भटक रही है। लोगों का कहना है कि ये आत्मा किसी स्वतंत्रता सेनानी की है जो नैनी जेल में बंद था। जेल रेलवे स्टेशन के पास ही है।

5. द्वारका सेक्टर 9, दिल्ली

यहां रेलवे स्टेशन पर एक महिला की मौत हुई थी जो काफी बुजुर्ग थी। तब से लोगों को वो महिला दिखती है और जीभ निकाल कर दौड़ लगाती है।

6. पातालपानी स्टेशन, मध्यप्रदेश

इस रेलवे स्टेशन को हांटेड माना जाता है। यहां अंग्रेजों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी टंट्या भील को मार कर फेंक दिया था। आज भी कोई ट्रेन यहां से गुजरती है तो उनकी समाधि को सलामी दी जाती है और उसके बाद ही ट्रेन आगे बढ़ती है।

7. सोहागपुर रेलवे स्टेशन, मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश के सोहागपुर रेलवे स्टेशन पर लोगों ने अजीब घटनाएं देखी हैं। रात को जब स्टेशन सूनसान रहता है तो यहां लोगों ने किसी महिला के चिल्लाने की आवाज सुनी हैं। ऐसा कई बार हुआ है।

8. लुधियाना रेलवे स्टेशन, पंजाब

इस रेलवे स्टेशन से भी एक कहानी जुड़ी है। बताते हैं कि 2004 में आरक्षण कार्यालय में एक कर्मचारी की मौत हो गई थी जिसकी आत्मा अब भी भटक रही है।