हम सबने न्यूक्लियर मिसाइल और हवाई जहाज के बारे में सुना है और देखे भी होंगे लेकिन क्या आपने कभी ऐसी ट्रेन के बारे में सुना है जिसमें सिर्फ न्यूक्लियर मिसाइल ही हो, नहीं न। आज हम आपको एक ऐसी ट्रेन दिखा रहे हैं जो सिर्फ न्यूक्लियर मिसाइल से लैस है और इस ट्रेन को 'न्यूक्लियर ट्रेन' कहा जाता है। सोवियत यूनियन ने अपने समय में ऐसी कई ट्रेनें तैयार कर रखी थीं, जिनमें मिसाइलों का जखीरा था। वीरान पड़े मिलिट्री बेस के अलावा रूस अब सोवियत यूनियन के समय अपनाए जाने वाले हथियारों को भी नए सिरे से तैयार कर रहा है।
दुश्मनों को चकमा देने के लिए ट्रेनों को डिज़ाइन भी इस तरह किया गया था कि ये देखने में मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेन जैसी नजर आये।
ट्रेनों की स्पीड प्रतिघंटे 80 से 120 किमी थी। अब रूस ने इनके इंजनों को आधुनिक बना दिया है, इससे इन ट्रेनों की स्पीड और बढ़ गई है।
इसके अलावा अब ट्रेनों के इंजन को इस तरह तैयार किया गया है जो भारी बर्फबारी के दौरान ट्रैक पर जमी बर्फ भी हटा सकें।
बोगियों के अंदर मौजूद जवान जंग के समय भीषण ठंड का सामना करते हुए बॉर्डर पर मौजूद रह सकते हैं।
रूस की अधिकतर सीमाएं बर्फीली हैं, जहां हर वक्त जवानों को तैनाती नही थी। इसी के चलते इन ट्रेनों का निर्माण किया गया है।
रूस हर तरफ से अपनी सीमाओं को युद्ध के लिए तैयार कर रहा है जो नाटो देशों के डर का कारण है।
इसके चलते ब्रिटेन और अमेरिका ने भी रोमानिया और यूक्रेन में अपने लड़ाकू जेट भेजने का प्लान बनाया है।
बाल्टिक सागर में रूस नए सिरे से अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है। हाल ही में रूस ने क्रूज मिसाइल से लैस अपने दो युद्धपोत बाल्टिक सागर में भेजे हैं।