मैसूर रेल संग्रहालय
मैसूर रेल संग्रहालय की स्थापना वर्ष 1979 में हुई थी। राष्ट्रीय रेल संग्रहालय नई दिल्ली के बाद ये दूसरा सबसे अच्छा रेल संग्रहालय है इसमें जाते ही मैसूर राज्य रेलवे के दिनों की यादें ताजा हो जाती हैं। इसमें रखी गई यादगार वस्तुएं पूर्व में कभी मैसूर राजमहल की शान में चार चांद लगाती थीं। शहर के स्कूलों में कभी विशेष किसी कारण से छुट्टी हो जाए तो स्कूली छात्र-छात्राओं को रेलवे संग्रहालय की तरफ भ्रमण करते हुए देखा जाता है। इस संग्रहालय में भारतीय रेलवे की 19 वीं शताब्दी के समय से लेकर अब तक के विकास में विभिन्न चरणों का चित्रण और विभिन्न वस्तुओं का एक समृद्ध संग्रह है और रेलवे के क्रमिक विकास की वर्गीकृत जानकारी भी मिल जाती है। लोकोमोटिव वाष्प इंजनों के कई मॉडल भी इस संग्रहालय की शान बढ़ाते हैं।
मैसूर रेल संग्रहालय प्रवेश शुल्क:
- वयस्कों के लिए = ₹ 15 / -
- बच्चों के लिए = ₹ 10 / -
- कैमरा = ₹ 20 / -
- वीडियो कैमरा = ₹ 30 / -
- टॉय ट्रेन की सवारी = ₹ 10 / -
मैसूर रेलवे म्यूजियम टिकट काउंटर ↴
मुख्य तथ्य
- इस संग्रहालय में मैसूर राज्य रेलवे की उन दुर्लभ चीज़ों को दिखाया गया है जो 1881-1951 के बीच की हैं।
- यह संग्रहालय मैसूर रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है।
- यहाँ रेलवे से संबंधित फोटो और किताबें भी मौजूद हैं।
- 1979 में स्थापित इस संग्रहालय में रेलवे से जुड़ी हुई वस्तुओं का अच्छा संग्रह है।
- रेल संग्रहालय का मुख्य आकर्षण चामुंडी गैलरी है जहाँ रेलवे विभाग के विकास का दर्शाती तस्वीरों का रखा गया है।
- इस संग्रहालय में भाप से चलने वाले इंजन, पुराने सिग्नल और महारानी का सैलून कैरिज शामिल है।