नीलगिरि हिल रेलवे
नीलगिरि पर्वतीय रेल, भारत के तमिलनाडु राज्य में चलती है, जिसे 1908 में ब्रिटिश राज के दौरान बनाया गया था। शुरूआत में इसका संचालन मद्रास रेलवे द्वारा किया जाता था। इस रेलवे का परिचालन आज भी भाप इंजनों द्वारा किया जाता है। नीलगिरि पर्वतीय रेल, नवगठित सलेम मंडल के अधिकार क्षेत्र में आता है। जुलाई 2005 में यूनेस्को ने नीलगिरि पर्वतीय रेल को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दी थी और तब से इन्हें संयुक्त रूप से "भारत की पर्वतीय रेल" के नाम से जाना जाता है। इसे यह मान्यता मिलने के बाद इसकी आधुनिकीकरण की योजना का परित्याग कर दिया गया। पिछले कई वर्षों से कुन्नूर और उदम मंडलम के बीच के खंड पर भाप के इंजनों के स्थान पर लिए डीजल इंजनों का प्रयोग किया जा रहा है। स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने इस खंड पर एक बार फिर से भाप इंजनों द्वारा रेलगाड़ी चलाने की मांग की है।
निलगिरी माउंटेन रेलवे एक सिंगल रेलवे ट्रैक है, 46 किलोमीटर (29 मील) लंबा मीटर एक सिंगल ट्रैक है जोकि मेट्टुपालयम शहर को उटकमंडलम (ओटाकामुंड) शहर से जोड़ता है। इस 46 किलोमीटर के सफ़र में 208 मोड़, 16टनल और 250 ब्रिज पड़ते हैं। इस मार्ग पर चढ़ाई की यात्रा लगभग 290 मिनट (4.8 घंटे) में पूरी होती है, जबकि डाउनहिल यात्रा में केवल 215 मिनट (3.6 घंटे) लगते हैं।
दर्शनीय स्थल:
- थंडर वर्ल्ड
- ऊटी लेक
- बोटैनिकल गार्डन्स
- लेडी कैनिंग सीट
- रोज गार्डन
- मेन बाज़ार
- वेस्टर्न कैचमेंट
ट्रेन किराया:
- रु. 205/- प्रथम श्रेणी
- रु. 40/- द्वतीय श्रेणी
- रु. 15/- जनरल